यूपीएससी परीक्षा:पांच हजार में एक परीक्षार्थी ही सफल होता है

संजय दुबे

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संघ लोक सेवा आयोग द्वारा 2024के परीक्षा परिणाम घोषित हो चुके है। महा कुंभ की महानगरी और पंडित चंद्र शेखर आजाद की नगरी प्रयागराज से नारी "शक्ति" की प्रतीक शक्ति दुबे ने देश में पहला स्थान अर्जित किया है।

उन्हें 1750लिखित परीक्षा और 275के साक्षात्कार अंक में से क्रमशः 843और 200अंक मिले है कुल मिलकर1043अंक मिले है। शक्ति को कुल 50.26%अंक मिले है और वे देश में प्रथम स्थान पर आ गई। इससे दो बाते निर्धारित होती है।पहला संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों में से आधे प्रश्न हल करना अत्यन्त कठिन होता है।दूसरा परीक्षार्थी बहुत ही निर्णयात्मक रूप से सही होने पर ही प्रश्नों को हल करते है।

मेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थान में प्रवेश के लिए छात्र सौ फीसदी अंक पा जाते है लेकिन देश की कार्यपालिका में मक्खन कहे जाने आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों की चयन परीक्षा में आधे अंकों में शक्ति दुबे सर्वप्रथम आ जाती है। ये परीक्षा सिद्ध करती है कि अर्जुन जैसे पक्षी के आंख की पुतली को देखने वाले ही इस परीक्षा में सफल हो सकते है। 2024 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए 9.9लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा फॉर्म भरे थे।

संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए केवल सामान्य, आर्थिक रूप से पिछड़े, और विशेष पिछड़ा वर्ग को सिर्फ 100रुपए फीस देना होता है। युवतियां और महिलाएं(उम्र के मापदंड अनुसार) सहित अनुसूचित जाति और जनजाति को प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में निःशुल्क शामिल होने की छूट है। इसका फायदा अक्षम लोग उठा रहे है जिसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि 2024की प्रारंभिक परीक्षा में 4.1लाख अभ्यर्थियों ने फॉर्म तो भरा लेकिन परीक्षा में शामिल नहीं हुए। इनके लिए छपे गए प्रश्न पत्र से लेकर सारी व्यवस्था में आयोग के हुए खर्च को बर्बाद ही मान लेना चाहिए। एक परीक्षार्थी पर अगर 200रुपए खर्च हुए होंगे तो आठ करोड़ रुपए का नुकसान आयोग को हुआ। चिंतनीय विषय है। 2024के यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में 5.8लाख परीक्षार्थी सम्मिलित हुए। इनमें से केवल 14627 (3.8%)परीक्षार्थी मुख्य परीक्षा के लिए योग्य पाए गए।

मुख्य परीक्षा में केवल 2845(5.8)परीक्षार्थी सफल हुए,जो साक्षात्कार के लिए योग्य माने गए। इनमें से 1009(2.8%) चयनित हुए। इन 1009 सफल परीक्षार्थियों में शक्ति दुबे टॉपर रही है। शक्ति को पांच साल लग गए, इस स्थान पर आने के लिए। पहले तीन परीक्षा में शक्ति प्रीलिम ही नहीं निकाल पाई थी।

चौथी बार में 12अंकों से नीचे रहकर चयनित नहीं हो पाई।इस बार पूरी कसर निकाल लिया। मुख्य परीक्षा में दूसरे क्रम पर आय हर्षिता गोयल को शक्ति दुबे से आठ अंकज्यादा याने 851अंक मिले लेकिन इंटरव्यू में 13अंक कम मिले। सातवें स्थान पर आने वाली कोमल पुनिया ने मुख्य परीक्षा में 856अंक हासिल किए थे लेकिन इंटरव्यू में 176अंक ही पा सकी। अगर अगर बारह अंक इंटरव्यू में हासिल कर लेती तो कहानी कुछ और ही होती। यूपीएससी की परीक्षा में सामान्य और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 32साल तक की उम्र तक 6अवसर मिलते है।ओबीसी और विकलांग को 35और 42साल तक की उम्र तक 9अवसर मिलते है। अनुसूचित जाति और जनजाति को37साल तक परीक्षा देने की छूट है। 21साल न्यूनतम उम्र है इस आधार पर16अवसर मिलते है। एक्स सर्विसमेन (विकलांग) वर्ग में सामान्य के लिए37,ओबीसी के लिए38, अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए 40साल की उम्र तक परीक्षा में सम्मिलित होने का अवसर है। 2025की प्रारंभिक परीक्षा की तिथि आने वाली है। फिलहाल नारी शक्ति दुबे के प्रथम आने का जश्न चलने देते है। उनको देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित केबिनेट मंत्रियों सहित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का। अतिथि जो बनना है। देश के 142करोड़ शुभ कामनाएं उनके लिए है ही


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