जातिगत जनगणना : संघियों को अपने एजेंडा पर नचाते रहेंगे - लालू प्रसाद यादव

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के जातीय जनगणना कराने के फैसले पर आरजेडी चीफ लालू यादव की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। लालू यादव ने आरोप लगाया कि जब हम जातीय जनगणना की मांग करते थे, तो हमें जातिवादी कहते थे।

जो हम लोग 30 साल पहले सोचते हैं, उसे दूसरो लोग दशकों बाद फॉलो करते हैं। अभी तो बहुत कुछ बाकी है। इन संघियों को अपने एजेंडा पर नचाते रहेंगे।

लालू यादव ने सोशल मीडिया के एक्स अकाउंट पर लिखा कि मेरे जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते दिल्ली में हमारी संयुक्त मोर्चा की सरकार ने 1996-97 में कैबिनेट से 2001 की जनगणना में जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया था, जिस पर बाद में NDA की वाजपेयी सरकार ने अमल नहीं किया। 2011 की जनगणना में फिर जातिगत गणना के लिए हमने संसद में जोरदार मांग उठाई।

मैंने, मुलायम सिंह जी, शरद यादव जी ने इस मांग को लेकर कई दिन संसद ठप किया और बाद में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराने के आश्वासन के बाद ही संसद चलने दिया। देश में सर्वप्रथम जातिगत सर्वे भी हमारी 17 महीने की महागठबंधन सरकार में बिहार में ही हुआ।


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