सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्या शरणार्थियों से जुड़ी याचिका पर जताई नाराजगी

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सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई जिसमें दावा किया गया कि दो रोहिंग्या शरणार्थियों को अंडमान ले जाकर लाइफ जैकेट पहनाकर समंदर में फेंक दिया गया।

इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन.के. सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई और कहा कि बिना ठोस सबूतों के अदालत ऐसे गंभीर मामलों में दखल नहीं दे सकती।

बेंच ने तीखे सवाल पूछते हुए कहा, "आखिर इस बात का क्या सबूत है कि ऐसा हुआ? कौन वहां फोटो खींच रहा था? किसने वीडियो बनाए हैं?" कोर्ट ने यह भी पूछा कि जब यह कथित घटना हुई, तो उसका रिकॉर्ड पर क्या प्रमाण है, और कैसे संबंधित व्यक्ति इसकी जानकारी लेकर वापस लौट सका।

जस्टिस सूर्यकांत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, "हर बार आप एक नई कहानी बनाकर लाते हैं। इस बार भी आप एक और सुंदर सी कहानी गढ़कर लाए हैं? आखिर इस कहानी की सच्चाई क्या है?"


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