दक्षिण अफ्रीका ने तोड़ा मिथक, विश्व विजेता बने
संजय दुबे

वैसे तो दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद शुरुआती दौर में क्रिकेट खेलने वाली टीम तीसरी टीम थी।रंगभेद के चलते इस टीम पर प्रतिबंध लगा जो 1991में खत्म हुआ।
इस साल के बाद दक्षिण अफ्रीका की टीम अनेक महत्वपूर्ण अवसरों में जीत के मुहाने पर आकर जीतने से वंचित होते रही। क्रिकेट के पंडित मानने लगे थे कि दक्षिण अफ्रीका की टीम "पनौती"है।चोकर कहा जाने लगा था। अंततः दक्षिण अफ्रीका की टीम ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 5 विकेट से जीत कर मिथक को तोड़ ही दिया।
न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया के बाद दक्षिण अफ्रीका तीसरा देश बन गया है जो 2019से शुरू हुए दो साल के अंतराल में होने वाले टेस्ट की श्रृंखला में सर्वश्रेष्ठ टीम है। 2027तक दक्षिण अफ्रीका की टीम विश्व विजेता मानी जाएगी। क्रिकेट के काशी कहे जाने वाले इंग्लैंड के लॉर्ड्स में गत विजेता ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से हुआ।
ये दोनों टीम पिछले दो साल में 9देशों के बीच खेले गए 70टेस्ट मैच में अंकों के आधार पर पहले और दूसरे क्रम पर थे। आईसीसी ट्रॉफी के लिए खेले गए तीसरे फाइनल मैच में पहली तीन पारियों में ऑस्ट्रेलिया भारी पड़ चुका था। जिस टेस्ट की पहली तीन पारियों में बमुश्किल 212,138और 207रन बने हो वहां चौथी पारी में 282रन बनाकर टेस्ट चैंपियनशिप जीतना मुश्किल दिख रहा था। दक्षिण अफ्रीका की टीम पहली पारी में केवल 138रन बना पाई थी उसे दुगुना से छह रन अधिक बनाने का लक्ष्य मिला था।
इतिहास दक्षिण अफ्रीका के तरफ नहीं था लेकिन पहली पारी में शून्य पर आउट होने वाले माकरम ने बेमिसाल,बेहतरीन पारी खेली लक्ष्य के लगभग आधे136 रन तो खुद बना लिए बाकी रन में कप्तान वाबुमा के 66रन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। ऑस्ट्रेलिया की पेस बैटरी सहित स्पिन में चली गई चाल बेकार गई। चौथे दिन के खेल के चाय के पहले दक्षिण अफ्रीका की टीम 282 रन 5विकेट के नुकसान के बाद ट्रॉफी उठा चुके थे। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के तीसरे फाइनल की एक खूबी रही कि दोनों टीम के कोई बल्लेबाज ने एक भी छक्का नहीं लगा पाये ।
दोनों टीम ने 939रन बनाए जिसमें कुल 84चौके लगे याने 336रन सीमा रेखा के पार से बने। 24वाइड या नो बाल फेंकी गई। 579रन दौड़ कर बने जिसने 14बार बाई और 27बार लेग बाई के बाद बल्लेबाज दौड़े। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दक्षिण अफ्रीका मकरम, वाबूमा , बैडीघम, और ऑस्ट्रेलिया के वेबस्टर, स्मिथ और मिशेल स्टार्क ही प्रतिरोध कर पाए। दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाज रबाडा और ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पेट क्योमिंस ने शानदार गेंदबाजी कर जीत को इधर उधर करते रहे लेकिन अंत में माकरम ही अपनी टीम के जीत और ऑस्ट्रेलिया की हार का कारण बने। दो साल तक चले 70टेस्ट के बाद जीत हार से परे तीसरे आयोजन में इंग्लैंड के जो रूट ने सबसे अधिक1968रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पेट क्योमिंस ने सबसे अधिक 81विकेट लिए।इंग्लैंड के हेनरी ब्रुक ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्वाधिक व्यक्तिगत रूप से 317रन बनाए। पहले आईसीसी ट्रॉफी में 69टेस्ट खेले गए।
ऑस्ट्रेलिया के मॉरिस लेबुचेज ने सबसे अधिक 1675रन बनाए थे। भारत के आर अश्विन ने सर्वाधिक 71विकेट लिए थे। ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर ने अपने सौवें टेस्ट मैच में 335नाबाद रन की पारी खेली थी। पहला विजेता न्यूजीलैंड था। भारत उपविजेता रहा। दूसरे आईसीसी ट्रॉफी में70टेस्ट खेले गए। इंग्लैंड के जो रूट ने 1915रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के नेथन लियान ने 88विकेट लिए। इंग्लैंड के टॉम लाथन ने 252रन की व्यक्तिगत पारी खेली। दूसरे आयोजन में भारत उपविजेता ही रहा था।

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