बस्तर में नक्सलियों का 1980 से अब तक खूनी खेल ...

*अप्रैल 2010 ताड़मेटला में हुई था सबसे बड़ा नक्सल हमला*

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बस्तर में नक्सल घटनाओं की पूरी श्रंखला है। हर साल कोई न कोई बड़ी वारदात होती है। छह अप्रैल 2010 ताड़मेटला में हुई था सबसे बड़ी नक्सल वारदात को दिया था अंजाम.

*बस्तर में नक्सली कब आए...*

बस्तर में नक्सली 1980 में आए, शुरू में उनका जोर वन अधिकार, जल,जंगल की लड़ाई के लिए आदिवासियों को लामबंद करने पर रहा। वे वन कर्मियों की पिटाई करते। जनता का समर्थन मिलने लगा तो उनका खूनी खेल शुरू हुआ।

*नक्सलियों ने पहली बड़ी वारदात,कब किये ..*

नक्सलियों ने पहली बड़ी वारदात बीजापुर जिले के तर्रेम में की थी। ब्लास्ट में जवानों की हत्या की। बस्तर में इसके बाद नक्सल हमलों का सिलसिला शुरू हुआ जो अब तक जारी है।

*वर्ष 1995 मे बडी वारदात*

वर्ष 1995 में उन्होंने नारायणपुर जिले में पुलिस की एक वैन उड़ा दी जिसमें एक डीएसपी समेत 25 जवान शहीद हुए थे। 

*2003 में गीदम थाने पर किया था हमला..*

2003 में उन्होंने गीदम थाने पर हमला किया था और एक जवान की हत्या कर हथियार लूट ले गए थे।

*2008 में 55 जवान शहीद*

ताड़मेटला के अलावा 2008 में बीजापुर जिले के रानीबोदली गांव में फोर्स के कैंप को उन्होंने निशाना बनाया जिसमें 55 जवान शहीद हुए थे। 

*2005 सीआरपीएफ के 17 जवान शहीद*

2005 में उन्होंने बीजापुर जिले के पोंजेर गांव में एंटी लैंड माइंस गाड़ी उड़ा दी जिसमें सीआरपीएफ के 17 जवान शहीद हुए थे। 

*2005 में सलवा जुड़ूम शुरू-*

2005 में सलवा जुड़ूम शुरू होने के बाद तो नक्सल हमलों की बाढ़ आ गई। उन्होंने जनता पर भी हमले किए।

*2006 में एर्राबोर कैंप पर हमला,35 आदिवासियों की हत्या...*

*केस -१*

2006 में एर्राबोर कैंप पर हमला कर 35 आदिवासियों को मार दिया।

*केस- २*

इसी साल सलवा जुड़ूम की रैली से लौट रहे ग्रामीणों की ट्रक उड़ा दी जिसमें 25 मारे गए। 

*केस- ३*

इसी दौरान उपलमेटा में हमला कर 22 जवानों की हत्या कर दी। 

*2008 में नगा फोर्स के 14 जवान शहीद..*

सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के बंडा इलाके में नगा फोर्स की गाड़ी उड़ा दी जिसमें 14 जवान मारे गए। 2008 में ही बैलाडीला की हिरोली माइंस पर हमला कर सीआईएसएफ के आठ जवानों की हत्या कर 20 टन बारूद लूट ले गए। छुटपुट घटनाएं तो रोज हो रही हैं।

*छह अप्रैल 2010 मे 76 जवान शहीद ,यानी पूरी एक कंपनी खत्म*

नक्सल हमलों की वजह से कुख्यात बस्तर में अब तक का सबसे बड़ा नक्सल हमला सुकमा जिले के ताड़मेटला में छह अप्रैल 2010 को हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए थे। यानी पूरी एक कंपनी खत्म हो गई थी। 

*2010 में 30 लोग मारे गए*

2010 में ही उन्होंने सुकमा-दंतेवाड़ा सड़क पर एक बस को उड़ा दिया था जिसमें 15 जवानों समेत कुल 30 लोग मारे गए थे।

*वर्ष 2013 झीरम घाट हमला-*

वर्ष 2013 में उन्होंने अब तक का सबसे बड़ा हमला राजनीतिक दल कांग्रेस पर किया। झीरम घाट में कांग्रेस के काफिले को एंबुश में फंसाया। इस हमले में 31 लोगों की मौत हुई जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ला, तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा शामिल थे।

*अप्रैल 2017 सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद*

पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने दंतेवाड़ा के भाजपा विधायक भीमा मंडावी और उनके चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी। 24 अप्रैल 2017 को सुकमा जिले के बुरकापाल गांव में सीआरपीएफ की टीम पर हमला किया जिसमें 25 जवान शहीद हुए थे। 

*2018 में नौ जवान शहीद*

2018 में भेज्जी में फोर्स की गाड़ी को विस्फोट से उड़ाया जिसमें नौ जवान शहीद हुए।

 


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