babbua.com के "चर्चित चेहरे" में इस बार राष्ट्रीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष नेटा डिसूजा

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बिजली चमकती है तो आकाश बदल देती है,
आंधी जब उठती है तो दिन-रात बदल देती है ।
लेकिन जब गरजती है नारी शक्ति तो इतिहास बदल देती है ।।

आज babbua.com ने महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष नेटा डिसूजा से की खास बात-चित , इन्होने अपने जीवन में संघर्षों से हार ना मानते हुए कुछ कर दिखाने की इच्छा को लेकर आगे बढ़े और आज एक बड़े मुकाम पर हैं, आइए हम जानेंगे उनके राजनीतिक दौर में यहां तक आने का सफर कितना आसान था और कितना मुश्किल.....


आपकी राजनीतिक जीवन की शुरुवात कैसे हुई?

 मेरी रजनीतिक जीवन की शुरुआत सोच समझ कर नहीं हुई , कॉलेज में छात्रो के हित की आवाज उठते हुए मैंने एक सक्रिय भूमिका निभाई और यहीं से मेरी राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। बाद में कॉलेज रजनीति से यूथ काँग्रेस के साथ अपने प्रदेश में काम किया, फ़िर दिल्ली में महिला कांग्रेस के लिए काम करने का मौका मिला और वार्तमान में महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व निर्वहन कर रही हु।


राष्ट्रीय महिला कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में आपका एजेंडा  क्या है?

मुख्यत: महिलाओं के उत्थान के कार्य जिससे महिला सशक्तिकरण को बल मिले और भारत निर्माण में महिलाये अहम भूमिका निर्वहन करे ।


जब आप अपनी राजनीतिक दौड़ में आगे बढ़ी तो आपके परिवार का कितना सहयोग रहा?

राजनीतिक जीवन में पहले कदम से ही मेरे पूरे परिवार ने सपोर्ट किया था।


आप अपने रजनीतिक जीवन के उतार-चढ़ाव को कैसे बयान करेगी ?

उतार-चढ़ाव तो जिंदगी का एक अहम हिस्सा है। राजनीति हो या अन्य क्षेत्र, हर किसी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते ही हैं, लेकिन यही हमें सीखाते हैं , सशक्त और मजबूत बनातें हैं।


आपकी नजरो से आज का राजनीतिक परिदृश्य ?

मुझे लगता है आज पूंजीपतियों की बातों से सरकार चलती है। आज की सरकार जन जन की आवाज नहीं बल्कि पूंजीपति दोस्तों की आवाज है। 


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के किन कार्यों से आप प्रभावित हुई हैं?

व्यक्तीगत रूप से मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गोधन न्याय योजना से प्रभावित हुई , जिसमे आंचलिक महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन रही है। इस योजना ने घरेलू महिलाओ को   रोज़गार का साधन दिया।  


आज और पहले युग में क्या अंतर है, इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है ?

आज डिजिटलाइजेशन का युग है, जिसके अपने फायदे और नुकसान है। पहले जानकारीयां उतनी आसानी से नहीं मिलती थी, कई किताबे या अखबार पढने पडते थे। इस युग में एक उंगली से जानकारी उपलब्ध है, मगर वे कितनी तथ्यात्मक यह जरूरी है , और सही जानकारी ही इस डिजिटल युग की दिशा तय करेगी। 


 ■ आप आने वाले youths को क्या संदेश देना चाहते हैं?

 युवाओं से कहना चाहूंगी कि वो पॉलिटिक्स में भी आगे कदम बढ़ाए। राजनीतिक जुडाव से अपने देश की दिशा तय करने का मौका मिलेगा।
 

हर पुरुष की सफलता के पीछे एक महिला का हाथ होता है, लेकिन आप एक ख़ुद महिला हैं तो आपकी सफलता के पीछे किसका हाथ है?

 इत्तेफाकन औरत होने के बावजूद मेरे पिछे भी एक औरत का ही हाथ है , और वह मेरी मां है।


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